Friday, July 8, 2016

बीजेपी बनाएगी भारत को विश्व उल्लेमा

बीजेपी बनाएगी भारत को विश्व उल्लेमा
भारत बनेगा मुगलिस्तान; मोदीजी बनेंगे खलीफा
मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि : हिंदुस्तान को मुगलिस्तान बनाना
(हिंदू संख्या दो वर्षों में 3% घटी)
बीजेपी या नरेन्द्र मोदी जी क्या भारत को हिंदू राष्ट्र बनायेंगे, क्या समाप्त होते हिंदू धर्म को बचा पायेंगे।क्या कोई मुझे बतायेगा कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद कितने मुसलमानों ने हिन्दू धर्म में घर वापसी की।
क्या आपको ऐसा भ्रष्टाचार मुक्त भारत स्वीकार होगा जिसमें तो कोई मंदिर बचेगा, वेद, गीता और रामायण
क्या कश्मीर, पाकिस्तान और बांग्लादेश में जिस तरह हिंदुओं के अबोध बच्चों की हत्या की गयी और की जा रही है और महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और किया जा रहा है। क्या यह सब अगले 50-100 सालों में भारत में दोहराया नहीं जायेगा।
प्रिय मित्रों,
               महर्षि दयानन्द सरस्वती से पूर्व ईसाई धर्म प्रचारकों द्वारा यह प्रचार किया जाता था की वेद गडरियों (भेड़ चराने वाले) के गीत हैं, जिनमें जातिवाद, छुआछूत, पाखंड, मूर्तिपूजा जैसी अनर्गल बातें लिखी है महर्षि दयानन्द ने वेदों का अध्यन किया और ये बताया कि पश्चिमी इतिहासकार मैक्स्मुल्लर और भारतीय विद्वान मध्यकालीन वेद भाष्यकारों - उव्वट, महीधर और सायण आदि द्वारा वेद मन्त्रों का पशुहिंसा, श्राद्ध और अश्लीलता परक व्याख्यान तथा पाष्चात्य भाष्यकारों द्वारा वेद को गडरियों के गीत बताना एवं उनमें लौकिक इतिहास सिद्ध करना दुराग्रह मात्र है, इसमें कोई सच्चाई नहीं। अल्प संस्कृत ज्ञान के कारण वेदों से जातिवाद, छुआछूत, पाखंड, मूर्तिपूजा तथा तेतीस करोड़ देवी देवता जैसे विचार पैदा कर दिए हैं वेदों में तो क्या मनुस्मृति में भी जातिवाद या छुआछुत का कोई जिक्र नहीं है आज बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों का बजूद इसमिथ्या प्रचार पर टिका है कि मनु जी ने जातिवाद या छुआछुत बनाया जो पूरी तरह गलत है ।महर्षिजी ने सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक में वेदों, शास्त्रों, मनुस्मृति, गीता, महाभारत, रामायण आदी संस्कृत ग्रंथों के सही अर्थ करने का तरीका बताया ।उन्होंने वेदों का और उपनिषदों का सही भाष्य भी किया। महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने तात्कालिक अनेक पाखंडी संस्कृत के विद्वानों को शास्त्रार्थ में पराजित कर, उन्हें वेदों के सही अर्थ को स्वीकार करने पर विवश किया महर्षि दयानन्द सरस्वती के वैदिक धर्म से प्रभावित हो भारत के असंख्य मुसलमान (जो पूर्व में मुगलों द्वारा जबर्दस्ती मुसलमान बनाये गए थे) पुनः हिंदू बनने को तैयार हो गए, लेकिन पाखंडियों ने उन्हें हिंदू धर्म में स्वीकार करने से मना कर दिया । राजस्थान के कुछ पाखंडियों ने स्वामीजी को भोजन में विष देकर उनकी हत्या करा दी इस प्रकार महर्षि दयानन्द सरस्वती ने हिंदुत्व में सुधार तथा इसके उत्थान के लिए अपना बलिदान दे दियाहिंदुत्व में सुधार तथा इसके उत्थान को पूर्व के राज्यों बिहार, बंगाल आदी में स्वामी विवेकानंद जी ने किया । स्वामी दयानन्द सरस्वती और स्वामी विवेकानंद जी ने भारतीयों के अपने धर्म और संस्कृति में खो रहे विश्वास को पुनर्जीवित किया यदि ये लोग ऐसा नहीं करते तो आज भारत एक ईसाई बहुल देश बन चूका होताI स्वामी दयानन्द सरस्वती और स्वामी विवेकानंद जी को कोटि-कोटि प्रणाम
वास्तव में गत 1000 वर्षों से भारत एक नॉन सेक्युलर इस्लामिक राष्ट्र है। इस्लाम के नाम पर महिलायों का बलात्कार किया गया, अबोध बच्चों की हत्या की गयी लेकिन हिंदुओं की इस दशा का कारण इस्लाम, कांग्रेस या सेकुलर्स नहीं हैं I हिंदुओं ने कभी अपने धर्म के लिए खड़े होने कि कोशिश नहीं की। इस का कारण हिंदुओं का आलस्य, स्वार्थ, कंजूसी, कायरता और धर्म के प्रति लापरवाही है, जिसे इनके नेता सेकुलरिज्म के लबादे से ढकते रहते हैं। हिंदू अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए मंदिरों, सत्संग और आसाराम, निर्मल बाबा, साईं और डेरा सच्चा सौदा जैसे बाबाजीको करोडोँ का दान कर सकते है, लेकिन हिंदू धर्म के उत्थान के लिए के लिए धन देना चाहते हैं समय
     हिंदुओं के अपने धर्म के प्रचार-प्रसार एवं सरक्षण के प्रीति लापरवाही पूर्ण रवैये के चलते हिंदू धर्म जो कभी ईरान तक फैला था, आज समाप्ति की ओर अग्रसर है आज का हिंदू इस घमंड मे जी रहा है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता लेकिन उन्हें इतिहास देखने की जरूरत है:
1.          आखिर पाकिस्तान, अफगानीस्तान, कश्मीर और बंगलादेश से हिंदू क्यों मिट गया?
2.          680 AD  मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना - नाम है इरान! मित्रों, ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था। सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता....
3.          712 AD मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना - नाम है अफगानिस्तान!. काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा, गंधार, जिसका विवरण महाभारत मे है जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा।
4.          1947 तथा 1971 मेँ भारत से जो भाग अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बने - नाम है पाकिस्तान तथा बांग्लादेश! आज वहाँ हिंदू का नामोनिशान नहीं है!
5.           बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 80% हिंदू थे आज सिर्फ 20% बचे,
6.          कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है, जो इतिहास से कुछ नही सीखता, वो मिट जाता है.
7.          नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है I
8.          1952 से 1990 के बीच भारत का एक राज्य पूर्णरूप से इस्लामिक हो गया - नाम है कश्मीर!.. कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 25% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा.
9.      केरल मे 50साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है I
10. भारत के प्रधानमंत्री श्रीनरेन्द्र मोदी के शासन काल में गुजरात में 2002 से 2011 तक मुसलमानो की जनसँख्या में 125% की बढोतरी हुई। जबकि इसी अवधि में हिन्दुओं की जनसँख्या में मात्र 110% की बढोतरी हुई। अतः मुसलमान अपनी जनसँख्या दुगनी तेज़ी से बढा रहे है | कुछ एसे ही आंकड़े बीजेपी की और सरकारों के भी हैं I
     बीजेपी और मोदी की हिन्दू धर्म के प्रति उदासीनता हिन्दू धर्म के लिए घातक सिद्ध होगी। क्या ये बता सकते हैं कि गत 90 वर्षों में इन्होंने कितने मुसलमानों की हिन्दूधर्म में घरवापसी करायी। क्या आपने हिन्दू धर्म पर हो रहे किसी प्रहार पर संघ अथवा बीजेपी को सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और कुछ करते देखा है |  
·       पाकिस्तान में हो रहे हिंदुओं के कत्लेआम और बलात्कार पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया |  क्या आप जानते है सन 1947 में पाकिस्तान में 24% हिन्दू थे, आज मात्र 1% बचे हैं कहीं कोई FIR नहीं, कहीं कोई मुकदमा नहीं, ये सब इस्लाम की सेवा के नाम पर जो हुआ है
·       बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के कत्लेआम और बलात्कार पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया | क्या आप जानते है सन 1947 में बांग्लादेश में 32% हिन्दू थे, आज मात्र 5% बचे हैं कहीं कोई FIR नहीं, कहीं कोई मुकदमा नहीं, ये सब इस्लाम की सेवा के नाम पर जो हुआ है
·      कश्मीर में हो रहे कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम और बलात्कार पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया  । कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 25% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा. कहीं कोई FIR नहीं, कहीं कोई मुकदमा नहीं, ये सब इस्लाम की सेवा के नाम पर जो हुआ है
·      हैदराबाद में मंदिर में घंटी बजाना प्रतिबंधित तथा के रल ें ोई िक्शा ाला िक्शे ें नुमान यश्री ृष्ण हीं िख कता,ेकिन ीजेपी थवा संघ परिवार ने िर्फ घडीयाली आँसू बहाने े अतिरिक्त और क्या किया। केरल मे 50 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है कहीं कोई FIR नहीं, कहीं कोई मुकदमा नहीं, ये सब इस्लाम की सेवा के नाम पर जो हुआ है
·      मुस्लिम आबादी देश की कुल आबादी का 25% तक...देश के कुल राजस्व में योगदान 5% भी नही.? भारतीय सेना और फोर्सेज में योगदान 1% सेभी कम.? देश में हुई आतंकी गतिविधियों में 99% में लिप्त.?  लव जिहाद पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया?
·       साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का जाँच के नाम पर चार-चार बार नार्को जैसा पीड़ादायक टेस्ट किया गया जाँच के नाम पर हुए अत्याचारों पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया
·      तसलीमाँ नसरीन की तथाकथित इस्लाम विरोधी किताब पर भारत में पाबंदी पर और सलमान रश्दी कों तथाकथित इस्लाम विरोधी होने से भारत में प्रवेश नहीं होने पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया.?
·      हिन्दुओं के मंदिरों से पैसा निकलवा के उसका इस्तमाल मुस्लिमो की हज यात्रा में खर्च किया जा रहा हैं, लेकिन बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया
·      तिब्बत में हो रहे अत्याचारों पर और वहाँ चीनी सेना के अफसरों को चरणबद्ध तरीके से बसाये जाने पर बीजेपी अथवा संघ परिवार ने सिर्फ घडीयाली आँसू बहाने के अतिरिक्त और क्या किया
संघ (और बीजेपी) के संगठन गत 90 वर्षों से हिन्दू हित में कार्य करने का दावा कर रहे हैं, इसके लिये हिन्दुओं से मोटा चंदा भी बसूलते हैं I प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये का चंदा हिन्दुओं से बसूला जाता है लेकिन गत ९० वर्षों में हिन्दू आबादी प्रतिशत आधी रह गयी
बीजेपी जैसे संगठन हिन्दुहित की बात सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए करते हैं दरअसल बीजेपी कभी हिंदुओं की आवाज बन ही नहीं सकती , क्योंकि ऐसा इसके मूल डीएनए में नहीं है। बीजेपी के नेता हर पल इस डर में जीते हैं कि कहीं उन्हें हिंदुओं के मुद्दे उठाने पर कांग्रेस साम्प्रदायिक दल बता चुनाव आयोग से प्रतिवंधित करा दे इसीलिए अटलजी और अडवाणीजी सिकंदर बख्त तथा वर्तमान पार्टी नेता शाजिया इल्मी, मुख़्तार अब्बास नकवी तथा शाहनवाज हुसैन को पार्टी को सेकुलर सिद्ध करने के लिए जब तब आगे करते रहते हैं पार्टी प्रवक्ता बड़ी शान से बताते हैं कि गुजरात मुनिसिपाल चुनाव में हमारे इतने मुस्लिम चुन कर आये हैं या राजस्थान में हमारे दो मुस्लिम विधायक हैं।
प्रिय मित्रों, इस प्रकार के हिंदू चिंतन को संघ का समर्थन भी प्राप्त हैI मैं 2005 एवं 2007 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली कार्यालय में सरसंघचालक मोहन भागवत जी से मिलने गया। वहीँ  मुझे संघ शिक्षा वर्ग करने की सलाह दी। मैंने द्वितीय वर्ष अपनी अस्वस्थता के बाबजूद हापुड से 2010 में किया। यदि संघ शिक्षा वर्ग में आप भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहें, तो बड़ा अजीब सा जवाब मिलता है। संघ के शिक्षा वर्ग में यदि आप भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहें, तो संघ के बुद्धिजीवी तत्काल कहते हैंभाईसाहब भारत तो पहले से एक हिंदू राष्ट्र है, भारत में जो मुसलमान हैं वो भी हिंदू हैं जैसे हिंदू - ब्राह्मण, हिंदू - जाट ऐसे ही हिंदू - मुसलमान यह उत्तर वास्तविकता से परे है। अधिकतर हिन्दू-मुसलमान मोहम्मद गौरी, मोहम्मद गजनवी, अकबर तथा औरंगजेब को जहाँ अपना आदर्श मानते है, हम हिन्दू अपने बच्चों को पृथ्वीराज चौहाण, महाराणा प्रताप तथा शिवाजी महाराज की कहानियाँ सुना कर बढ़ा करते हैं। ऐसी स्थिति में हिन्दू मुसलमान जैसे भ्रामक शब्द क्यों?
 सन 1925 (संघ के जन्म के समय) से अब तक परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं। उस समय भारत धर्म के नाम पर विभाजित नहीं किया गया था। आज समय बदल चुका है  राष्ट्र वही शक्तिशाली एवं शांत हैं जहाँ प्रमुखता से एक ही धर्म है विविधता में एकता जैसी बातें पूर्णतया अव्यवारिक सिद्ध हो चुकी हैं। हमें इस सनक को छोडना होगा। हमें भी अपना चिंतन धरातल से जोड़ कर और अधिक व्यावहारिक बनाना चाहिए। नहीं तो हम स्वयं को तथा राष्ट्र को गुमराह करेंगे इतिहास हमें इसके लिए कभी क्षमा नहीं करेगा पाकिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र है जहाँ हिंदू (एक काफ़िर) किसी मुसलमान के खिलाफ ना केस कर सकता है, ना न्याय की उम्मीद कर सकता है। जबकि भारत में हर हिंदूवादी नेता पर मुसलमानों की धार्मिक भावनाएँ भडकाने के मुक़दमे दर्ज हैं। भाईसाहब, भारत फिर कैसा हिंदू राष्ट्र है
 नतीजा है कि सन 1947 में पाकिस्तान में 24% हिन्दू थे, आज मात्र 1% बचे हैं, सन 1947 में बांग्लादेश में 32% हिन्दू थे, आज मात्र 5% बचे हैं, भारत में 94% से घटकर 75% रह गए हैंI इस गति से, अगले 100 वर्षों में भारत में तो कोई मंदिर बचेगा, वेद, गीता और रामायण संघ काहिंदू मुसलमानमंदिर, वेद, गीता और रामायण सब को लील जाने के लिए तैयार है इतिहास इस स्थिति के लिए जहाँ कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता को जिम्मेदार ठहराएगा, वहीँ संघ के हिंदू चिंतन को भी उससे अधिक जिम्मेदार ठहराएगा। धर्म निरपेक्ष हिंदू भारत में लगे उस दीमक की तरह हैं जो भारत राष्ट्र को मिटा मुगलिस्तान बनाने में लगे हुए हैं। बीजेपी नेतृत्व के इस भय में जीने का कारण बीजेपी कार्यलयों के air conditioners  हैं, जिसमें बैठने की लत के कारण बीजेपी नेता आम जनता से दूर हो चुके हैं और कांग्रेस के साथजियो और जीने दोकी साठ-गांठ में ही अपनी कुशल-मंगल समझने लगे हैं I हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करने वाले को ये पागल समझते हैं। लेकिन इतिहास गवाह है ऐसी साठ-गांठ तथा समझोते की राजनीति बेनकाव होकर रहती है जनता से जुड़े दल को तो कोई चुनाव आयोग, ही कोई संविधान, ही कोई न्यायलय अपने लक्ष्य से विचलित कर सकता है, जैसा कि आजादी की लड़ाई में हम देख भी चुके हैं लेकिन यह तय है इस काँटों भरे मार्ग में air conditioners नहीं हैं I
     यह अव्यवहारिक एवं ढुलमुल हिंदू चिंतन का ही परिणाम है कि कश्मीर, असम और पश्चिमी बंगाल के मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में  हिंदू भाजपा से नहीं जुड़ रहा है। ये लोग भारत की संस्कृति के नाम पर आम हिन्दू से दूर इसे सऊदी अरब और पाकिस्तान बनाने पर तुले हैं जहाँ औरत जींस नहीं पहन सकती, बॉयफ्रेंड होना एक अपराध है। और यह सब किया जा रहा है भारत की संस्कृति के नाम पर। हमारी संस्कृति राधा कृष्ण और दुष्यंत शंकुतला के प्रेम की संस्कृति है। सती प्रथा, बाल विवाह, दहेज़ प्रथा, पर्दा प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या यह मुगलिया सोच का परिणाम है। भारत में इस्लाम के आने से पहले ये सब कहाँ था। इन कुप्रथाओं की शुरुआत भी मुस्लिम शासकों तथा अधिकारिओं, जो हमारी बहू-बेटियों पर बुरी नजर रखते थे, के भय के कारण हुई? हिन्दू धर्म में ऐसी कुप्रथाओं का स्थान अथवा औचित्य नहीं है?
      ये लोग आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा को भी पानी पी-पी कर गाली देते हैं गाय की किडनी के द्वारा गाय के शरीर के लिए विष समझ कर Reject किये गए मूत्र को ये अमृत बताते हैं। गौ रक्षा के प्रयास किये जाने चाहिए, लेकिन यदि हिन्दू ही बचा तो गौ माता का अस्तित्व कब तक सुरक्षित है। अपने आप को आइंस्टीन और डार्विन का चाचा समझने वाले कभी आयुर्वेद या वैदिक विज्ञान पर शोध की बात नहीं करेंगे। आयुर्वेद या वैदिक विज्ञान लाभकारी हैं लेकिन इन पर उतना शोध करने की आवश्यकता है जितना पश्चिम में आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा पर किया जा रहा है।पश्चिम के देश एलोपैथिक चिकित्सा पर जहाँ अरबों डॉलर्स खर्च कर रहे हैं, भारत की सरकार (भाजपा हो या कांग्रेस) आयुर्वेद या वैदिक विज्ञान पर शोध में कभी रूचि नहीं लेती है।
        राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने प्रचारकों को स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी आधुनिक विज्ञान पढ़े प्रोफेसर, इंजीनियर अथवा एलोपैथिक डॉक्टर से दूरी बना कर चलें| इन्हें किसी भी वैज्ञानिक अथवा बुद्धिमान मस्तिस्क से एलर्जी है, जो तर्क पूर्ण हो | जो संघ में आते हैं उन्हें विज्ञान को भूलना अनिवार्य है| बिना समझे रटना अधिकतर विद्या भारती के स्कूलों में सिखाया जाता है| इन स्कूल में अंग्रेजी के प्रति अनावश्यक घृणा पैदा की जाती है| मेरा मानना है कि विदेशी भाषायें जैसे जर्मन, फ्रेन्च आदि को भी सिखाया जाना चाहिए| इन्हें किसी भी वैज्ञानिक अथवा बुद्धिमान मस्तिस्क से एलर्जी है, जो तर्क पूर्ण हो | इसी प्रकार इन्हें आर्यसमाजीयों से भी एलर्जी है क्योंकि आर्यसमाजीयों को ये तर्क से नहीं हरा सकते, क्योंकि आर्यसमाजी वो कहते हैं जो वेदों में लिखा है| आर्यसमाजी जातिवाद, मूर्तिपूजा तथा पशुबलि को वेदविरुद्ध बताते हैं तथा गैर-हिंदुओं को पुनः हिंदू धर्म में लाने की वकालत करते हैं|
      संघ परिवार के स्वयंसेवकों, कार्यकर्ताओं एवं आर्यसमाज के कार्यकर्ताओं को कश्मीर, असम और पश्चिमी बंगाल के मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में  मुसलमानों को हिंदू धर्म में वापस लाने के लिए रणनीति बनानी चाहिए। इस कार्य के लिए सत्ता सहायक सिद्ध हो सकती है। भारत को संविधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र बना, इस रणनीति पर विचार किया जाना चाहिए कि शांतिपूर्ण ढंग (प्यार-मोहब्बत) एवं आर्थिक उपायों (and if neccessary by police/military force, to counter terrorists and those who resort to violence against re-conversion to hinduism) से कैसे मुसलमानों को हिंदू धर्म में लाया जा सकता है। साथ ही हिंदू धर्म को भी जातिवाद मुक्त, पाखंड मुक्त, अंधविश्वास मुक्त बनाने की आवश्यकता है।
      हमें इस कड़वी सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि भारत में कश्मीर अथवा अन्य राज्यों में जब तक मुसलमान बहुमत में है, पाकिस्तान जेसे देश उनमें अलगाववादी भावनाएँ पैदा करते रहेंगे। चीन का उदाहरण है कि उसने तिब्बत में अलगाववादी भावनाएँ पैदा हों, इसके लिए वहाँ अपने आर्मी के अधिकारिओं एवं सैनिकों को बड़ी संख्या में बसा कर वहाँ की डेमोग्राफी बदल दी है। इसके लिये हिंदु संगठनों को अपना चिंतन आवश्यकता के अनुरूप अधिक व्यवहारिक बनाना होगा।
      भगवान और भारत माता हमें स्वामी दयानंद सरस्वती जी के स्वप्न को पूरा करने और हिन्दु धर्म को बचाने की शक्ति देंI  
                                                || जय माँ भारती ||                                   -डॉ देवराज मिश्र, सयोंजक
                                                                                                   संपर्क  : मोबाइल +917351299319 


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